हर औरत का ख्वाब होता है गर्भधारण करना और बच्चे को पैदा करना पर बहुत बार ऊपर से स्वस्थ दिखने वाली महिलाओं को भी जब प्रेग्नेंट होने में तकलीफ होती है तब जाकर पता चलता है कि शरीर के अंदरूनी हिस्सों में क्या-क्या बीमारियों से जकड़ी हुई है ।वैसे तो गर्भाशय में कई बीमारियां होती है उनमें से प्रमुख होती है ।
ओवरी सिंड्रोम - पीसीओएस ( Pcos ) में गर्भाशय का आकार फैल जाता है और गर्भाशय में एक से अधिक सिस्ट होने लग जाते हैं । शरीर पर बालों की संख्या बढ़ जाती है ।और शरीर पर मोटापा भी काफी बढ़ जाता है और मासिक धर्म अनियमित हो जाता है ऐसे में महिलाओं को प्रेगनेंसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक इंफेलिटी स्पेशलिस्ट क्लीनिक
( ayurvedic infertility specialist clinic ) :- आयुर्वेद में हर बीमारी का सफलतापूर्वक ट्रीटमेंट किया जाता है । आशा आयुर्वेदा दिल्ली में इनफर्टिलिटी विशेषज्ञों की देखरेख में प्रेगनेंसी से रिलेटेड सभी बीमारियों का कम कीमत पर सफलतापूर्वक इलाज कराया जाता है इसमें बंद फैलोपियन ट्यूब को भी आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से खोलने का काम किया जाता है । आयुर्वेदिक डॉक्टर पंचकर्म विधि से पेशेंट का इलाज करते हैं आयुर्वेद में महंगी महंगी दवाओं की जगह खानपान में सुधार करके प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जाता है । आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी औषधि से मरीज का सफलता पूर्वक इलाज किया जाता है जिससे प्रजनन क्षमता में भी काफी बढ़ावा मिलता है । तो आइये जानते हैं 15 ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में जिसका नियमित स्तेमाल करने से प्रजनन क्षमता कई गुणाना अधिक हो जाती हैं।
आहार और दवाओं से हर बीमारी का सफलतापूर्वक इलाज हो सकता है ।प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी हमारे आहार और दवाई मुख्य भूमिका निभा सकती है बस जरूरत होती है संयम पूर्वक और नियम पूर्वक इनका रेगुलर इस्तेमाल करने की । तो वह दिन दूर नहीं होगा जब आपके घर में भी नन्हे बच्चे की किलकारियां गूंज आएगी । आयुर्वेद में बहुत शोध के बाद ऐसी ऐसी जड़ी बूटियों से निर्मित दवाइयां उपलब्ध कराई है जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने के साथ - साथ गर्भाशय की अंदरूनी बीमारियों को भी समूल नष्ट कर देती है ।
1. मुलेठी - मुलेठी रक्त शर्करा को नियमित करती है । यह पाचन क्रिया में भी सहायक है मुलेठी से मुख शुद्धि भी होती है और साथ-साथ थायराइड को कंट्रोल करने में भी सहायक होती है।
2. काला कोहोश - काला कोहोश का इस्तेमाल मासिक धर्म को नियमित करने में किया जाता है । इसके मूत्रवर्धक गुण मासिक धर्म में देरी से होने पर उसको रेगुलर करने में सहायता प्रदान करते हैं । इसके अलावा ये गर्भाशय की सिस्ट को भी खत्म करता है।
3. इवनिंग प्रिमरोज ऑयल (E. P. O.) :- इवनिंग प्रिमरोज पौधे के बीज से निकाला जाता है यह हार्मोन संतुलन का काम करता है माहवारी से पहले लक्षणों जैसे सिर दर्द , स्तन दर्द , चिड़चिड़ापन व सूजन को समाप्त करता है इसके अलावा ये ग्रीवा श्लेस को भी बढ़ाता है।
4. शतावरी - शतावरी का सेवन अर्क या कैप्सूल के रूप में किया जाता है । इसके नियमित इस्तेमाल से प्रजनन क्षमता कई गुना बढ़ जाती है ।
5. अरंडी का तेल - अरंडी के पौधे के बीजों से निकालकर यह तेल बनाया जाता है ।इस तेल को कपड़े में भिगोकर कमर के नीचे बांधने से स्त्रियों को बहुत लाभ मिलता है उन्हें गर्भाशय की सूजन में राहत मिलती है बन्द फैलोपियन ट्यूब को भी खोलने में सहायता मिलती है ।
6. माका - माका पेरू एक पहाड़ी वनस्पति होती है । यह हार्मोन संतुलन करती है और प्रजनन क्षमता को कई गुना तक बढ़ा देती है ।और थायराइड को भी नियमित करती है इसे कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है ।
7. डेमियाना - यह पीले फूलों की एक झाड़ी होती है जो दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है इसकी पत्तियों को सुखाकर चाय के रूप में प्रयोग करने से प्रजनन क्षमता बढ़ती है और उत्तेजन क्षमता भी बढ़ती है ।
8. मिल्क थिसल - यह कांटेदार पौधा होता है जो ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों में पाया जाता है इसे चुटकी जितनी मात्रा में ही सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके बीज पचाने में कठोर होते हैं । यह आपकी यकृत की सफाई का काम भी कर देता है।
9. अश्वगंधा की छाल - अश्वगंधा की छाल रक्त कोशिकाओं को खोलने का काम करती है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाती है। गर्भाशय की सूजन व अन्य बीमारियों को भी ठीक करती है। अश्वगंधा का चूर्ण गर्म पानी में रात को सोते समय नियमित लेने से बहुत फायदा मिलता है ।
10. बरगद की छाल - बरगद की छाल भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद होती है इसकी छाल को पानी में उबालकर पीने से बहुत लाभ मिलता है ।
11. अनार - अनार रक्त संचार को ठीक करता है और यह हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है । अनार का नियमित सेवन गर्भाशय की समस्या से छुटकारा दिलाता है और गर्भाशय को सही आकार में भी रखता है अनार के बीजों का चूर्ण आधा चम्मच गर्म पानी में दिन में 2 बार सेवन करने से बहुत ही लाभ मिलता है ।
12. दालचीनी का पाउडर - दालचीनी का चूर्ण गर्भाशय की सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है । दालचीनी के पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीने से माहवारी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है ।
13. खजूर - खजूर का प्रयोग सर्दियों में रेगुलर करने से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और यह हमारे शरीर को गर्म रखता है ।इससे प्रजनन क्षमता काफी हद तक बढ़ जाती है और बंद फैलोपियन ट्यूब को खोलने का काम भी करता है ।
14. सिंघाड़ा या पानीफल - सिंघाड़े को सुखाकर इसका सेवन करने से गर्भाशय सिस्ट खत्म होती है । यह स्त्रियों की ल्यूकोरिया बीमारी को भी ठीक करता है ।
15. आंवला - आंवले का चूर्ण बन्द फैलोपियन ट्यूब को खोलने का काम करता है ।और प्रजनन क्षमता को भी बढ़ाता है ।